लेखनी प्रतियोगिता -20-May-2023.... मुकदमा...
कोर्ट में एक मुकदमा आया..।
एक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी ही संपत्ति में से हक मांगने आया था...। जो की उसके बेटे ने धोखाधड़ी से हथिया ली थी...।
जज साहब में इतना पढ़ा लिखा नहीं हूँ... मुझे मालूम ही नहीं पड़ा... कब मेरे बेटे ने मुझसे हस्ताक्षर ले लिए...। अब वो ये सब दिखाकर मुझे मेरे ही घर से बेदखल कर रहा हैं..।
नहीं जज साहब पिताजी ने खुद अपनी मर्जी से... पूरे होशोहवास में हस्ताक्षर किए हैं.... पता नहीं क्यूँ अब अपना विचार बदल दिया हैं....। इन्होंने खुद कहा था की सब कुछ तुम्हें सौंप कर तीर्थ करने चला जाऊंगा....।
दोनों तरफ बातें चली...। दोनों तरफ़ के वकीलों ने अपने अपने काम के हिसाब से मत दिए.... सबूत दिए.... ओर ये केस दस सालों तक कोर्ट में चलता रहा....। तारीख पर तारीख....ओर अगली सुनवाई.... आतें आतें दस साल बीत गए...।
दस साल बाद जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा :- मुबारक हो रामदीन (बुजुर्ग व्यक्ति) तुम ये केस जीत गए हो...।
बुजुर्ग व्यक्ति खुश होते हुए जज से बोला :- आपका बहुत बहुत धन्यवाद जज साहब.. भगवान आपको बहुत तरक्की दे... आप दरोगा बन जाओ...।
ये सुन जज आश्चर्य में पड़ गया ओर बोला :- ये क्या कह रहें है तुम.... जज तो दरोगा से बड़ा होता हैं...।
हाँ जानता हूँ साहब.... लेकिन जिस केस को समझने और जिताने में आपको दस साल लग गए... दरोगा जी ने तो मुझे पहले दिन ही कहा था की पांच हजार दे दो मामले को यहीं अभी का अभी सुलझा देता हूँ....। यहाँ दस सालों से धक्के खाने से तो बेहतर था मैं दरोगा जी को पांच हजार दे देता...।
ये सुन कोर्ट में मौजूद सभी लोगों के ओर जज की भी गर्दन शर्म से झूक गई थीं...।
ये कोई तंज नहीं बल्कि हमारी भारतीय न्याय प्रणाली की वो सच्चाई हैं... जिसमें एक आम आदमी वर्षों से पिसता आ रहा हैं...।एक साधारण से मुकदमे को भी आठ से दस साल लग जाते हैं...। इस पर मजाक और तंज कसने से बेहतर हैं... इस बारे में कुछ विचार और सुधार करने की...।
Babita patel
29-Jun-2023 03:22 PM
nice
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वानी
16-Jun-2023 07:23 PM
Ye sahi hai nyay Milne me der hoti hai
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Punam verma
21-May-2023 11:08 PM
Very nice
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